नन्हें-नन्हें कन्धों पे हैं
बड़े-बड़े बस्ते लदे
बच्चों को ये महंगी पढ़ाई मार डालेगी
जाओगे सुनार की
दूकान पे तो यार
तार हो या हार,सोने की घड़ाई मार डालेगी
मण्डल के बण्डल से
बच निकले तो हमें
मन्दिर-ओ-मस्जिद की लड़ाई मार डालेगी
और रामजी ने इन
सब से बचा लिया तो
नग्न-मल्लिका की अंगड़ाई मार डालेगी
5 comments:
बहुत खूब..कुछ संदेश देती,कुछ गुदगुदाती पंक्तियाँ...धन्यवाद अलबेला जी..
सबसे खतरनाक तो ये मल्लिका की अंगड़ाई ही है हुज़ूर
वाह!वाह! क्या बात है। अब तो ये रचना हिट हो गई।
मतलब मरना तो तय है...
wah bhai wah kya likhte ho. Gajab hai
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