Thursday, December 24, 2009

गुजराती व्यंजनों पर सूरत में laughter ke phatke लगाए हास्य कवि अलबेला खत्री ने

2 comments:

Udan Tashtari said...

भई वाह, वाकई स्वर्ग सा सुरम्य है हमारा गुजरात!!

विनोद कुमार पांडेय said...

बढ़िया प्रस्तुति..धन्यवाद जी