Monday, November 9, 2009

पब्लिक डिमाण्ड पर एक बार फ़िर हास्य कवि अलबेला खत्री और शायरा शबाना शबनम की रसीली नोंक झोंक

छत्तीस गढ़ में अलबेला खत्री का हास्य हंगामा



1 comment:

Urmi said...

वाह वाह क्या बात है खत्री जी ! मज़ा आ गया ! शबनम जी के भी क्या कहने!